The Chhinnamasta 12 Names Stotra are the twelve names of Mahavidya Chhinnamasta. The divine 12 names of Mahavidya Chhinnamastika can destroy each & every negative intention towards you. This Dwadash Naam is a favorite of Ma Chhinnamasta.
It is believed that whosoever recites this dwadash naam in the morning remains free of enemies. The Chhinnamasta stotra should also be recited to get gains from the Rahu planet.
Chhinnamasta Worship is mainly performed for getting a son, to remove poverty, to gain wisdom, to destroy enemies, and to be a poet. Chhinnamasta is associated with the concept of self-sacrifice as well as the awakening of Kundalini.
Chhinnamasta is a goddess of contradictions. She symbolises both aspects of Devi: a life-giver and a life-taker. She is considered both a symbol of sexual self-control and an embodiment of sexual energy, depending upon interpretation. She represents death, temporality, and destruction as well as life, immortality, and recreation. The goddess conveys spiritual self-realization and the awakening of the kundalini, spiritual energy.
महाविद्या छिन्नमस्तिका के दिव्य 12 नाम आपके प्रति प्रत्येक नकारात्मक इरादों को नष्ट कर सकते हैं। यह द्वादश नाम माँ छिन्नमस्ता का अत्याधिक पसंद है। ऐसा माना जाता है कि जो भी सुबह इस द्वादश नाम का पाठ करता है वह शत्रुओं से मुक्त रहता है। राहु ग्रह से लाभ पाने के लिए छिन्नमस्ता स्तोत्रम का भी पाठ करना चाहिए।
छिन्नमस्ता पूजा मुख्य रूप से पुत्र प्राप्ति, गरीबी दूर करने, बुद्धि प्राप्त करने, शत्रुओं का नाश करने और कवि होने के लिए की जाती है। छिन्नमस्ता आत्म-बलिदान की अवधारणा के साथ-साथ कुंडलिनी के जागरण से जुड़ी है।
देवी छिन्नमस्ता के यह 12 नाम अत्यंत ही पावन और प्रभावशाली हैं। इन नामों का स्मरण करने मात्र से ही भक्त के सभी शत्रु स्वत: समाप्त हो जाते हैं। यह दिव्य नाम न केवल भौतिक शत्रुओं को समाप्त करते हैं अपितु आध्यात्मिक शत्रु जैसे काम क्रोध लोभ मोह आदि को भी नष्ट कर देते हैं।
साधक प्रात: उठ कर स्वच्छ हो कर अपने सामने एक दीपक प्रज्वलित कर भगवती छिन्नमस्ता का ध्यान कर इन नामों का केवल एक बार उच्चारण कर सकता है। ऐसा करने से माँ छिन्नमस्ता की कृपा उसे स्वत: मिल जाती है।
और यह बारह नाम इस प्रकार हैं।
Chhinnamasta 12 Names Stotra Meaning
छिन्नग्रीवा छिन्नमस्ता छिन्नमुण्डधराऽक्षता ।
क्षोदक्षेमकरी स्वक्षा क्षोणीशाच्छादनक्षमा ॥ १॥
Chhinngriva Chhinnmasta Chhinnmunddhara Kshta
Khshod Khsemkari Swaksha Kshonishakshadan Kshma
वैरोचनी वरारोहा बलिदानप्रहर्षिता ।
बलिपूजितपादाब्जा वासुदेवप्रपूजिता ॥ २॥
Vairochani Vararoha Balidan Praharshita
Balipujit Padabja Vasudev Prapujita
इति द्वादशनामानि छिन्नमस्ताप्रियाणि यः ।
स्मरेत्प्रातः समुत्थाय तस्य नश्यन्ति शत्रवः ॥ ३॥
Iti Dwadash Namani Chhinnmasta Priyani Ya:
Samret Prata: Samuthay Tasya Nashyanti Shatrav:
1) छिन्नग्रीवा - जिन्होंने अपने भक्तों के लिए अपना कंठ काट लिया है।
2) छिन्नमस्ता - जिन्होंने अपने भक्तों के लिए अपना मस्तक काट लिया है, अर्थात् अपना जीवन ही भक्तों के निमित्त अर्पित कर दिया है।
3) छिन्नमुण्डधरा - जो अपना मस्तक काटकर अपने बाएं हाथ मे धारण करती हैं।
4) अक्षता - जो पूर्ण है, जिनका कभी पराभव नही होता, जो सम्पूर्ण हैं।
5) क्षोदक्षेमकरी - उपद्रव शांत करने में प्रवीण ।
6) स्वक्षा - सुंदर नेत्रो वाली।
7) क्षोणीशाच्छादनक्षमा - राजाओं का पालन-रक्षण करने वाली ।
8) वैरोचनी - इंद्र की पत्नी ( भगवान शंकर को उपनिषद में इंद्र कहा गया है अतः शंकर पत्नी भावार्थ लगायें)
9) वरारोहा - अत्यंत सुंदर वपु वाली
10) बलिदान प्रहर्षिता - भक्तो द्वारा अर्पित विभिन्न पूजन सामग्रियों, फल, मिष्ठान्न, नारियल, फूल आदि से प्रसन्न होने वाली।
11) बलिपूजितपादाब्जा - जिनके चरण कमलों में विभिन्न पदार्थ अर्पित किए जाते हैं या इन उत्तम।पदार्थों से पूजित चरण कमल वाली (फल, फूल, मिष्ठान्न, मेवा, रत्न, स्वर्ण आदि आदि)
12) वासुदेवप्रपूजिता - श्रीकृष्ण द्वारा पूजित व उपसित।
जो इन 12 नामों को प्रातः उठते ही स्मरण करता है उसके सभी शत्रुओं का नाश होता है।